Sunday, October 05, 2008

Why Jhumri Telaiya is famous in Bollywood


Jhumri Telaiya (JT), my home town, is one small but beautiful place. Beautiful because I have my heartily attachments with it.

Wait wait wait, are you too thinking if there is any place named “Jhumri Telaiya”? Ahem! Yes ask me, there is!

Jhumri Telaiya is a small town in the state of Jharkhand, India. It's in the district Koderma, which is quite famous for Mica, Coal and Kalakand. Though it’s NOT a tourist place, it’s still hugely popular in Hindi films/songs (in a humorous way). I have seen curiosity in lots of people’s mind ‘bout this place so finally deciding to write something ‘bout it.

Here it is a small description about why Jhumri Telaiya is famous in Bollywood. Found these paragraphs long time back on some internet site (not sure ‘bout its origin). I had it saved with me for a long time and now posting it here. (it's written in Hindi, Try translating and reading this post in English using Google Translate. The translation is hugely inaccurate but still can give you a sense of understanding).

Why Jhumri Telaiya is famous in Bollywood:

अगर आप रेडियो के श्रोता रहे हैं तो फरमाइशी गीतों के कार्यक्रमों मेंझुमरी तिलैयाका नाम अवस्य सुना होगा। 1950 से 1980 तक रेडियो से प्रसारित होने वाले फिल्मी गीतों के फरमाइशी कार्यक्रमों में शायद ही किसी गीत को सुनने के लिए झुमरी तिलैया के श्रोताओं ने फरमाइश भेजी हो। हाल यह था कि हर किसी गीत के सुनने वाले श्रोताओं में झुमरी तिलैया का नाम कम से कम एक बार तो जरुर प्रसारित किया जाता था। इस तरह झुमरी तिलैया का नाम दिन में बार बार सुनने में आता था जिसके कारण रेडियो श्रोताओं में झुमरी तिलैया का नाम प्रसिद्ध हो गया था।

सही अर्थों में कहा जाए तो झुमरी तिलैया को विश्वविख्यात बनाने का श्रेय वहां के स्थानीय रेडियो श्रोताओं को जाता है जिनमें रामेश्वर प्रसाद वर्णवाल, गंगालाल मगधिया, कुलदीप सिंह आकाश, राजेंद्र प्रसाद, जगन्नाथ साहू, धर्मेंद्र कुमार जैन, पवन कुमार अग्रवाल, लखन साहू और हरेकृष्ण सिंह प्रेमी के नाम मुख्य हैं। मुंबई से प्रकाशित धर्मयुग में वर्षों पहले छपे एक लेख में विष्णु खरे ने लिखा था कि उदघोषक अमीन सयानी को प्रसिद्ध बनाने में झुमरी तिलैया के रेडियो श्रोताओं में खासतौर पर रामेश्वर प्रसाद वर्णवाल का हाथ है।

झारखण्ड में गया रेलवे स्टेशन के अगले स्टेशन कोडरमा के बाहरी क्षेत्र को झुमरी तिलैया के नाम से जाना जाता है। यह बिहार की राजधानी पटना से 200 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जिसकी आबादी एक-डेढ़ लाख के करीब होगी। यहां विश्वविख्यात अभ्रक की खानें हैं और यहां का कलाकंद भी प्रसिद्ध है। वर्णवाल के बारे में लोगों का कहना है कि उनकी पहली फरमाइश रेडियो सिलोन से पढ़ी गई थी। फ़िल्म ‘मुगले आजमका गीतजब प्यार किया तो डरना क्या’ के लिए उन्होंने टेलीग्राम से फरमाइश भेजी थी। रेडियो सिलोन से अक्सर यह प्रसारण होता था कि आप ही के गीत कार्यक्रम में झुमरी तिलैया से रामेश्वर प्रसाद वर्णवाल नेदो हंसों का जोड़ा बिछुड़ गयो रे, गजब भयो रामा जुलुम भयो रेफरमाइश की है। झुमरी तिलैया से गंगालाल मगधिया, कुलदीप सिंहआकाश’, राजेंद्र प्रसाद, जगन्नाथ साहू, धर्मेंद्र कुमार जैन, पवन कुमार अग्रवाल, लखन साहू ने भी इसी गीत की फरमाइश की है।

रेडियो पर फरमाइश को लेकर कई अजूबे जुड़े हुए हैं। एक बार ऐसा हुआ कि ओल इंडिया रेडियो पर गंगा जमुना फ़िल्मका गीत दो हंसो का जोड़ा बिछुड़ गयो रे बज रहा था। गीत समाप्त होने पर उदघोषक ने घोषणा की कि अभी अभी झुमरी तिलैया से रामेश्वर प्रसाद वर्णवाल का भेजा हुआ टेलीग्राम हमें प्राप्त हुआ है, जिसमें उन्होंने दो हंसों का जोड़ा सुनाने का अनुरोध किया है। अत: यह गीत हम आपको पुन: सुना रहे हैं टीवी के व्यापक आगमन से पहले रेडियो के अलावा मनोरंजन का दूसरा साधन नहीं था। ग्रामोफोन प्लेयर बहुत कम लोगों के पास था।

फरमाइश भेजने वालों में हरेकृष् सिंहप्रेमीकभी पीछे नहीं रहे। यह अलग बात है कि वे अपनी हरकतों कथित प्रेमी होने के कारण हमेशा चर्चा में रहे। फरमाइशों में अपने नाम के बाद अपनी कथित प्रेमिका प्रिया जैन का नाम भी जोड़ा करते थे जिसके कारण वे प्रसिद्ध हुए। यह बात अलग है कि उनकी प्रिया जैन से शादी नहीं हुई।

एक और दिलचस्प बात यह है कि रेडियो पर फरमाइश भेजने वालों में आपसी होड़ इस हद तक बढ़ गई थी कि लोग एक दूसरे की डाक को गायब करवाने और रुकवाने के लिए डाक छांटने वाले कर्मचारियों को रुपए देते थे। तब कई गंभीर श्रोता फरमाइशी पत्रों को भेजने के लिए गया और पटना तक जाने लगे जिससे डाक खर्च भी बढ़ गया। उन दिनों इस तरह के पत्र पर कम से कम 25 से 35 रुपए खर्च होने लगे।

झुमरी तिलैया के संबंध में सबसे ज्यादा रोचक बात यह थी कि जिस किसी फ़िल्म के किसी गीत को सुनने के लिए झुमरी तिलैया के श्रोता अपनी फरमाइश भेजते थे उस फ़िल्म को और उस गीत को मुंबई फ़िल्म उद्योग के बॉक्स ऑफिस पर हिट माना जाता था। यह सिलसिला कई साल से ख़त्म हो गया है। निजी टीवी चैनलों और दूरदर्शन की मार से रेडियो श्रोता बहुत कम रह गए हैं, साथ ही झुमरी तिलैया का सरगम भी खो गया है।


Interesting isn’t it?

Here are few pics of the near by lakes (somewhere close to the DVC Dam). I have personally been there few times many years ago, and yes it's a beautiful landscape.







Few more pics collected from internet.


The JT Railway station named after the district "Koderma".



The Local market of JT "Jhanda Chowk", in the center of the town.



Rikshaw stand near the theater Jawahar Talkies.


Hope you will never ask again, “Is Jhumri Telaiya a place in reality? And I thought….” :)

Cheers!

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